"पढने की कुशलता बनाने और उपचारात्मक शिक्षा के लिए कक्षा 3 के लिए अभ्यास पुस्तिका"
बच्चों में हिन्दी भाषा पढ़ने की समुचित दक्षता बना पाना स्कूलों के लिए एक चुनौती बनी हुई है। कुछ सालों की शिक्षा के बाद भी दो तिहाई बच्चों को सरल पाठ पढ़ने में दिक्कत होती है।...
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"पढने की कुशलता बनाने और उपचारात्मक शिक्षा के लिए कक्षा 3 के लिए अभ्यास पुस्तिका"
बच्चों में हिन्दी भाषा पढ़ने की समुचित दक्षता बना पाना स्कूलों के लिए एक चुनौती बनी हुई है। कुछ सालों की शिक्षा के बाद भी दो तिहाई बच्चों को सरल पाठ पढ़ने में दिक्कत होती है। कक्षा दो के अन्त तक यह उम्मीद की जाती है कि बच्चे पढ़ने की शुरूआती कुशलता बना लेंगें। इसके आधार पर कक्षा 3 की और ऊपर की कक्षाओं की पाठ्य पुस्तकें विकसित कर बच्चों को दी जाती हैं। परन्तु बोलचाल के शब्दों को भी पढ़ने की कठिनाई से जूझ रहे बच्चों के लिए ये पुस्तकें उनका स्कूली शिक्षा से सार्थक जुड़ाव नही बना पाती हैं। शिक्षक स्वयं को इस बात के लिए मजबूर पाते हैं कि उन्हें पाठ्य पुस्तकों के पाठों को क्रम दर क्रम एक निश्चित समय में पूरा करना है। इस क्रम में अधिकांश बच्चे शिक्षक के साथ नहीं चल पाते हैं। अतः यह सोचना जरूरी होता है कि एक ही पाठ पर किस तरह से शिक्षण कार्य किया जाए जिससे कि बच्चों की अलग-अलग जरूरतों के अनुसार कार्य हो सके। कक्षा 3 और ऊपर की कक्षाओं में अलग-अलग सीख स्तर (जरूरत) वाले बच्चों को उनके अनुरूप अतिरिक्त किताबें मिलने की जर
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